हार्ट ब्लाकेज और आयुर्वेद…

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महाऋषि वागभट्ट-और आयुर्वेद

आपको मालूम ही हैं एक एंजियोप्लास्टी आपरेशन होता हैं, एंजियोप्लास्टी ऑपरेशन में डॉक्टर दिल की नली में एक स्प्रिंग डालते हैं। उसको स्टंट कहते हैं और एक बार अटैक में एक स्टंट डालेगें। दूसरी बार दूसरा डालेंगे, ऐसे कोई डॉक्टर नही है जो आपको आश्वासन दे सके की दुबारा ऐसा नही होगा

तो फिर आप बोलेंगे हम क्या करें?
आप इसका आयुर्वेदिक इलाज करे, बहुत ही सरल हैं। पहले आप एक बात जान लीजिए। एंजियोप्लास्टी ऑपरेशन कभी किसी का सफल नहीं होता। क्यूंकि डॉक्टर जो स्प्रिंग दिल की नली में डालता हैं, वो स्प्रिंग बिल्कुल चमद के स्प्रिंग की तरह होता हैं और कुछ दिन उस स्प्रिंग की दोनों साइड आगे और पीछे फिर ब्लॉकेज जमा होनी शुरू हो जाएगी। और फिर दूसरा अटैक आता हैं और डॉक्टर आपको फिर कहता हैं। एंजियोप्लास्टी ऑपरेशन करवाओं, और इस तरह आपको लाखो रूपये लूटता हैं और आपकी जिन्दगी इसी में निकल जाती हैं। या फिर कहे ख़तम हो जाती है
हमारे देश भारत में 3000 साल पहले एक बहुत बड़े ऋषि हुए थे उनका नाम था महाऋषि वागभट्ट जी। वह कहते हैं कि कभी भी हृदय घात हो रहा हैं, मतलब दिल की नलियों में ब्लॉकेज होना शुरू हो रहा हैं तो इसका मतलब हैं कि रक्त (ब्लड़) में एसिडिटी (अम्लता) बढ़ी हुई हैं।

अम्लता दो तरह की होती हैं, एक होती हैं पेट की अम्लता और एक होती हैं रक्त की अम्लता।

आपके पेट में अम्लता जब बढ़ती हैं, तो आप कहेंगे पेट में जलन सी हो रही हैं, खट्टी-खट्टी डकार आ रही हैं। मुहँ से पानी निकल रहा हैं, और अगर ये अम्लता और बढ़ जाये तो हाइपर एसिडिटी होगी, और यही पेट की अम्लता बढ़ते-बढ़ते जब रक्त में आती हैं तो रक्त अम्लता ब्लड़) में एसिडिटी (अम्लता) बढ़ी हुई हैं।
अम्लता दो तरह की होती हैं, एक होती हैं पेट की अम्लता और एक होती हैं रक्त की अम्लता।

आपके पेट में अम्लता जब बढ़ती हैं, तो आप कहेंगे पेट में जलन सी हो रही हैं, खट्टी-खट्टी डकार आ रही हैं। मुहँ से पानी निकल रहा हैं, और अगर ये अम्लता और बढ़ जाये तो हाइपर एसिडिटी होगी, और यही पेट की अम्लता बढ़ते-बढ़ते जब रक्त में आती हैं तो रक्त अम्लता (ब्लड़ एसिडिटी) होती हैं। और जब ब्लड़ में एसिडिटी बढ़ती हैं तो ये अम्लीय रक्त दिल की नलियो में से निकल नहीं पाता, और नलियो में ब्लॉकेज कर देता हैं। तभी दिल का दौरा होता हैं। इसके बिना दिल का दौरा नहीं होता। और ये आयुर्वेद का सबसे बढ़ा सच है जिसको कोई डॉक्टर आपको बताता नही, क्योकि इसका इलाज सबसे सरल हैं।

वागभट्ट जी लिखते हैं कि जब रक्त (ब्लड़) में अम्लता (एसिडिटी) बढ़ गई हैं। तो आप ऐसी चीजों का उपयोग करो जो क्षारीय हैं। आप जानते है दो तरह की चीजे होती हैं।
अम्लीय और क्षारीय (एसिड़ और एल्काइन) अब अम्ल और क्षार को मिला दो तो न्यूट्रल (उदासीन) होती हैं सब जानते हैं। तो वागभट्ट जी लिखते हैं कि रक्त की अम्लता बढ़ी हुई हैं तो क्षारीय (एल्काइन) चीजे खाओं। तो रक्त की अम्लता (एसिडिटी) न्यूट्रल
(उदासीन) हो जाएगी और रक्त में अम्लता न्यूट्रल (उदासीन) हो गई, तो दिल का दौरा की जिंदगी में कभी संभावना ही नही।

अब आप पूछोगे जी ऐसे कौन सी चीजे हैं जो क्षारीय है –

आपके रसोई घर में सुबह से शाम तक ऐसी बहुत सी चीजे हैं जो क्षारीय हैं, जिन्हे आप खाये तो कभी दिल का दौरा ना आए, और अगर आ गया हैं तो दुबारा ना आए। सबसे ज्यादा आपके घर में क्षारीय चीज हैं वह हैं लोकी, जिसे दूदी भी कहते हैं। जिसे आप सब्जी के रूप में खाते हैं, इससे ज्यादा कोई क्षारीय चीज ही नहीं है। तो आप रोज लोकी का रस निकाल-निकाल कर पियो, या कच्ची लोकी खाओं। प्रतिदिन 200 से 300 मिलीग्राम पियो, सुबह खाली पेट (शौच जाने के बाद) पी सकते हैं या नाश्ते के आधे घंटे के बाद पी सकते हैं। इस लोकी के रस को आप और ज्यादा क्षारीय बना सकते हैं, इसमें 7 से 10 पत्ते तुलसी के डाल लो, तुलसी बहुत क्षारीय हैं। इसके साथ आप पुदीने के 7 से 10 पत्ते मिला सकते हैं, पुदीना भी बहुत क्षारीय हैं। इसके साथ आप काला नमक या सेंधा नमक जरूर डाले, ये भी बहुत क्षारीय हैं। लेकिन याद रखे नमक काला या सेंधा ही डाले, वो दूसरा आयोडीन युक्त नमक कभी ना डाले।

2 से 3 महीने आपकी सारी हार्ट की ब्लॉकेज ठीक कर देगा। 21 वे दिन ही आपको बहुत ज्यादा असर दिखना शुरू हो जाएगा।

लौकी परीक्षण – आप लोकी पर नाखून लगाकर देख लीजिए की नाखून पूरा अंदर जाता हैं या नही। यदि नाखून पूरा अंदर जाता हैं तो लोकी असली हैं। अगर नाखून पूरा अंदर नहीं जाता हैं और वह केवल निशान बन जाता हैं तो लोकी इंजेक्शन लगाई हुई हैं। कोई ऑपरेशन की आपको जरुरत नहीं पड़ेगी, घर में ही हमारे भारत के आयुर्वेद से इसका इलाज हो जाएगा। और आपका अनमोल शरीर और लाखो रुपय ऑपरेशन के बच जाएँगे, और पैसे बच जायेगे। इन पैसो को आप किसी गौशाला में दान कर दे, डॉक्टर से अच्छा हैं किसी गौशाला में दान ने, हमारी गौ माता बचेगी तो भारत बचेगा।

महत्वपूर्ण सूचनाः यहां दी गई जानकारी केवल सूचनात्मक उद्देश्यों के लिए है। यह चिकित्सा सलाह, निदान या उपचार का विकल्प नहीं है। यदि आपको कोई स्वास्थ्य समस्या है या किसी जानकारी को लेकर संदेह है, तो कृपया योग्य चिकित्सक से परामर्श करें।

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