जनपद सीईओ ने कोंरता ग्राम में लगाई ग्रीष्मकालीन धान की फसल, बताई विधि और फायदे

इस अनूठी पहल को क्षेत्र वासियों ने जमकर सराहा
विकासखंड जबेरा के अंतर्गत आने वाली ग्राम पंचायत कोंरता में जबेरा जनपद सीईओ डॉ रामेश्वर पटेल द्वारा ग्रीष्मकालीन धान की फसल लगाकर एक अनूठी पहल प्रारंभ की गई थी जो अब बहुत अच्छी बन पड़ी है। जिसको लेकर बुधवार को ग्राम कोंरता में सेमिनार का आयोजन किया गया। जिसमें उपस्थित अधिकारी कर्मचारियों सहित क्षेत्र के किसानों ने इस पहल की एवं जनपद सीईओ के प्रयासों की जमकर सराहना की। कृषि में पीएचडी कर चुके मुख्य कार्यपालन अधिकारी डॉ रामेश्वर पटेल की अध्यक्षता में आयोजित किए गए सेमिनार में बताया कि मैंने सोचा कि शिक्षा का उपयोग यहां की खेती में किया जाए गर्मी के दिनों में क्षेत्र में खेत खाली पड़े रहते हैं कोई फसल नहीं लगाई जाती यदि पानी की उपलब्धता हो तो यहां कुछ नया कर सकते हैं। उन्होंने नवाचार करते हुए छत्तीसगढ़ की तर्ज पर ग्राम कोंरता में ग्रीष्मकालीन धान की फसल लगाते हुए खेती की एक पहल प्रारंभ की गई। जनपद सीईओ श्री पटेल ने बताया कि ग्रामीणों और किसानों का कहना था कि गर्मी के दिनों में धान की फसल क्षेत्र में संभव नहीं है परंतु उन्होंने हार न मानते हुए खेत की मिट्टी का पीएच मान निकलते हुए उसे मिट्टी में केंद्र पदार्थ की कमी है उनकी पूर्ति की और लगातार प्रयोगो के आधार पर एक अच्छी धान की फसल को तैयार किया। जो कि जबेरा क्षेत्र ही नहीं दमोह जिले के साथ मध्य प्रदेश के लिए एक अनूठी पहल है। इस दौरान एसडीएम सौरव गंधर्व, तहसीलदार सोनम पांडे, नायब तहसीलदार अटल बिहारी वर्मा, नायब तहसीलदार राजेश साहू, थाना प्रभारी विकास सिंह चौहान चौकी प्रभारी आलोक त्रिपुडे,सहायक संचालक कृषि शंकर लाल कुर्मी, कृषि वैज्ञानिक राजेश द्विवेदी,वरिष्ठ कृषि विकास अधिकारी नरेंद्र सिंह ठाकुर की उपस्थिति में मृदा परीक्षण किया गया। इसके साथ ही सभी अधिकारियों ने धान की फसल को देखते हुए मुख्य कार्यपालन अधिकारी डॉ रामेश्वर पटेल की प्रशंसा की और कहा कि इस नवाचार से क्षेत्र के किसानों को लाभ होगा। एसडीएम सौरभ गंधर्व ने कहा कि यह जो प्रैक्टिकल है यह दमोह जिले नहीं अपितु राज्य स्तर के लिए भी एक अनूठा उदाहरण है। कार्यशाला में सभी ग्राम पंचायत के सरपंच, सचिव, रोजगार सहायक सहित बड़ी संख्या में किसानों की उपस्थिति।