नही रही अंतर्राष्ट्रीय ख्याति प्राप्त पद्मश्री जोधईया अम्मा,अंतिम संस्कार में जिले के मुखिया पूरी प्रशासन टीम के साथ ही स्थानीय नेताओं ने दी श्रद्धांजलि

पद्मश्री अवार्ड से सम्मानित जन जातीय बैगा महिला कलाकार जोधईया बाई बैगा 86 वर्ष की उम्र में दुनिया को अलविदा कह गईं। पूरे नगर में शोक की लहर
उमरिया । अम्मा के नाम से विख्यात स्व. जोधईया बाई जिले की एक अनपढ़ बैगा जन जातीय महिला के चित्रों की इटली में प्रदर्शनी लगने से जिले को अंतर्राष्ट्रीय पहचान मिली थी, इटली के मिलान शहर में वर्ष 2021 में प्रदर्शनी लगी थी जो 11 अक्टूबर तक चली थी वहीं प्रदर्शनी, इटली के बाद पेरिस में भी लगी थी, 60 साल की उम्र में ब्रश पकड़ने की शुरुआत करने वाली बुजुर्ग जन जातीय महिला ने महज 20 साल में कमाल कर दिखाया ।
उपलब्धि के लिए जिला प्रशासन ने जोधइया बाई का सम्मान किया था। वर्ष 2022 में तत्कालीन राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद ने राष्ट्रीय नारीशक्ति सम्मान दिया था और वर्ष 2023 में वर्तमान राष्ट्रपति महोदया द्रोपती मुर्मू ने पद्मश्री सम्मान से सम्मानित किया था।
जोधईया बाई बैगा, उम्र 86 साल, शैक्षणिक योग्यता शून्य, निवास उमरिया जिले का छोटे से गाँव लोढ़ा की रहने वाली थी, लेकिन उड़ान आसमान से भी ऊँची भरी । बस इतना सा बायोडाटा था जोधईया बाई का ,जो अंतर्राष्ट्रीय कलाकार हो गई थी ,और उनके हाथों से उकेरे गये चित्र आज दुनिया के मशहूर चित्रकार लियोनार्दाे द विंची के देश इटली में रंग बिखेर रहे है। जोधईया बाई के चित्रों की धाक ऐसी कि मिलान शहर में आयोजित इस प्रदर्शनी के आमंत्रण पत्र का कव्हर पेज भी जोधईया बाई की पेंटिंग से रंगा हुआ था ।
खास बात तो यह कि इसके लिए जोधईया बाई ने कोई कोशिस नही की बल्कि उनकी कलाकृति ही ऐसी थी जिससे प्रभावित होकर लोगो ने उसे वंहां तक पहुंचा दिया, इसके पहले जोधईया बाई की चित्रकारी मध्यप्रदेश के जनजातीय संग्रहालय, शांति निकेतन, नेशनल स्कूल ऑफ़ ड्रामा, मानस संग्रहालय में भी सम्मानित हो चुकी है साथ ही कला के कद्रदान कई विदेशी भी उनके लोकचित्र ले जा चुके है, जोधईया बाई के गुरु और जनगण तस्वीरखाना के संचालक स्वर्गीय आशीष स्वामी जोधईया बाई की कला के कायल तो थे ही जोधईया बाई में उन्हें हमेशा विलक्षण प्रतिभा नजर आती थी।
विलक्षण प्रतिभा की धनी अंतर्राष्ट्रीय ख्याति प्राप्त जन जातीय कलाकार जोधईया अम्मा कई बीमारियों से ग्रसित होने के कारण 86 वर्ष की उम्र में रविवार की शाम 5 बजे दुनिया को अलविदा कह गईं, अब रहेगी बस उनकी यादें। उनकी पोती रूपा बैगा ने बताया कि हमारी दादी अब नही रही, उनको राष्ट्रपति सम्मान भी मिला था हम उनके साथ काम किये हैं।
आज दोपहर में पूरे राजकीय सम्मान के साथ पद्मश्री जोधईया बाई को अंतिम विदाई के साथ अंतिम संस्कार किया गया। इस मौके पर जिले के मुखिया धरनेंद्र जैन, एसपी निवेदिता नायडू,सीईओ जिलापंचायत अभय सिंह, एसडीओपी नागेंद्र सिंह, अपर कलेक्टर शिवगोविंद सिंह मरकाम , एसडीएम बांधवगढ़ रीता डेहरिया, पूर्व सांसद मंत्री ज्ञान सिंह सहित जिला प्रशासन एवं प्रमुख नेता मौजूद रहे।