संस्कारधानी वासियों में अच्छे हैं संस्कार:मुनिराज विरंजन सागर जी

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जबलपुर शहर को जैसा संस्कारधानी यूं ही नहीं कहा जाता है, वास्तव में यहां के लोग वैसे ही हैं, संस्कार लोगों में बसते हैं। जबलपुर में चातुर्मास बिता कर खुश हूं। यह मेरा 21 वां चार्तुमास हैं और अभी तक का सबसे अच्छा चार्तुमास में मानता हूँ। उक्त बात नन्हें जैन मंदिर हनुमानताल में आयोजित पत्रकारवार्ता में पत्रकारों से चर्चा के दौरान मुनिराज विरंजन सागर महाराज ने कही। उन्होंने कहा कि मेरी शिक्षा इसी शहर में गढ़ा हितकारिणी स्कूल में हुई है। में कई साल बाद जबलपुर आया हूं। इस दौरान मैंने जबलपुर को अलग तरह से महसूसकिया है। यहां के लोग बहुत ही अच्छे हैं, संस्कारवान हैं। उन्होंने कहा कि समाज में पत्रकार और लेखक, साहित्कार का महत्वपूर्ण योगदान है। क्योंकि वही एक ऐसा स्तंम्भ है जिसके माध्यम से एक दूसरे की बात समाज तक पहुंचाते हैं। उन्होंने बताया कि मंगलवार को उनका पिच्छिका परिवर्तन होगा। इसकेलिए चार्तुमास कमेटी की ओर से तीन दिवसीय समारोह का आयोजन आज से किया जाएगा। गोलबाजार स्थित बोर्डिंग दिगंबर जैन परिसर में आयोजन होंगे।सुबह से हुए बच्चों का बुद्धि वर्धन संस्कारआज सुबह से ही बड़ी संख्या में बच्चे शामिल हुए। यहां बच्चों का बुद्यि संस्कार किया गया। मुनिराज ने बताया कि बच्चों में अच्छे संस्कार पैदा हो इसके लिए यह संस्कार किया जाता है। कल शाम सोमवार को सरस्वती महाअर्चना का विधान किया जाएगा। जबकि 19 नवंबर को नन्हें जैन मंदिर से शोभायात्रा निकाली जाएगी। समापन पर मुनियों का पिच्छिका परिर्वतन किया जाएगा।

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