केंद्राध्यक्ष भी नहीं ले जाएंगे मोबाइल,जैमर भी एक्टिव होंगे

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बोर्ड परीक्षाओं में नकल रोकने माशिमं की तगड़ी तैयारी

बोर्ड परीक्षाओं में तकनीक के उपयोग से नकल और पेपर लीक जैसी घटनाओं पर अंकुश लगाने के लिए इस बार जैमर का उपयोग होगा। माध्यमिक शिक्षा मंडल (माशिमं) ने परीक्षा केंद्रों पर मोबाइल पूरी तरह प्रतिबंधित तो पहले से ही कर दिया है। अब केंद्राध्यक्ष भी परीक्षा केंद्र में मोबाइल नहीं ले जा सकेंगे।अति संवेदनशील और संवेदनशील परीक्षा केंद्रों पर जैमर लगाकर मोबाइल के उपयोग की किसी भी तरह की आशंका को रोकने का निर्णय लिया है। माशिमं की 10वीं और 12वीं की बोर्ड परीक्षाएं पांच फरवरी से शुरू हो रही हैं। प्रश्नपत्र किसी भी तरीके से बहुप्रसारित न हो पाएं, इसलिए परीक्षा की पूरी निगरानी ऑनलाइन किए जाने की व्यवस्था बनाई जा रही है।इसके लिए मंडल मुख्यालय में कंट्रोल रूम बनाया जाएगा। साथ ही प्रत्येक जिले का एक-एक प्रभारी भी बनाया गया है, जो अपने जिले के केंद्रों की निगरानी करेगा। 

सीसीटीवी नहीं तो केन्द्र नहीं-

हर साल संवेदनशील व अतिसंवेदनशील केंद्रों पर नकल की सबसे ज्यादा शिकायतें मिलती हैं। इन्हीं केंद्रों से प्रश्नपत्रों के बहुप्रसारित होने की आशंका भी रहती है। लिहाजा इस बार उन्हीं केंद्रों को परीक्षा केंद्र बनाया जाएगा, जहां पर सीसीटीवी कैमरे लगे हैं। समन्वयक संस्था से थानों व परीक्षा केंद्रों तक प्रश्नपत्र पहुंचाने की व्यवस्था पहले की ही तरह रहेगी। इसके अलावा थानों से केंद्राध्यक्ष व कलेक्टर प्रतिनिधि द्वारा संयुक्त रूप से प्रश्नपत्रों को निकाल जाने की व्यवस्था है। अगर कलेक्टर प्रतिनिधि इस दौरान नहीं पहुंचते हैं तो उनके विरुद्ध कलेक्टर के माध्यम से सख्त कार्रवाई की जाएगी।

नहीं मिलेगा बेस्ट ऑफ फाइव का लाभ-

हाईस्कूल परीक्षा में शामिल होने जा रहे छात्रों के लिए बड़ी खबर सामने आई है। छात्रों को इस बार से बेस्ट ऑफ फाइव का लाभ नहीं मिलेगा। यानी विद्यार्थियों को सभी छह विषयों में पास होना जरूरी होगा। इस सम्बंध में जिले के सभी स्कूलों के प्राचार्यों को निर्देश जारी कर दिए गए हैं। बेस्ट ऑफ फाइव योजना बंद होने से परीक्षा परिणाम के प्रभावित होने की आशंका है। बोर्ड ने 2017 में योजना लागू की थी। इसके तहत छह विषयों में से एक में फेल होने पर भी छात्र को पास कर दिया जाता था। छात्रों को इस बार से बेस्ट ऑफ फाइव का लाभ नहीं मिलेगाइस  सम्बंध में जिले के सभी स्कूलों के प्राचार्यों को निर्देश जारी कर दिए गए हैं। बेस्ट ऑफ फाइव योजना बंद होने से परीक्षा परिणाम के प्रभावित होने की आशंका है। बोर्ड ने 2017 में योजना लागू की थी। इसके तहत छह विषयों में से एक में फेल होने पर भी छात्र को पास कर दिया जाता था। शिक्षा विभाग ने बदली हुई व्यवस्था और कोर्स पूरा कराने के निर्देश दिए हैं।   छह विषयों में से एक में फेल होने पर भी छात्र को पास कर दिया जाता था- माध्यमिक शिक्षा मंडल बोर्ड ने वर्ष 2017 में बेस्ट ऑफ फाइव योजना लागू की थी। इसके तहत छह विषयों में से एक में फेल होने पर भी छात्र को पास कर दिया जाता था। अब सभी विषयों में पास होना होगा।

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