प्रदेश का चर्चित शराब घोटाला, आबकारी एसी संजीव कुमार दुबे घोटाले में शामिल

हाईकोर्ट ने भी माना,शासन को 71करोड़ के राजस्व का चूना लगाने में आबकारी अफसरों की संलिप्तता और सांठ-गांठ
अगर मध्यप्रदेश सरकार आबकारी, वाणिज्यिक कर, परिवहन, राजस्व विभाग, एमपीएसआईडीसी, पंजीयक कार्यालय की बकाया राशि की वसूली कर ले तो उसे कर्ज लेने की आवश्यकता नहीं पड़े।
कई घोटाले हुए किंतु जो अफसर आए उन्होंने भी उसमे चांदी कुटी, बदनामी सरकार के हिस्से में आई, विधानसभा प्रश्न लगे, सरकार को जवाब देना पड़ा, अधिकारी फिर भी बचाव में लगे रहे, बल्कि यूं कहे राजस्व लुटाते रहे, यह प्रकरण भी उसी का ज्वलंत उदाहरण है।
शासन को 71 करोड़ का चूना लगाने के इस प्रकरण का मुख्य किरदार आबकारी अफसर राजनीति संपर्क के कारण आज भी आबकारी मुख्यालय में मलाईदार चार्ज लेकर, मलाई कूट रहा है जबकि ऐसे अफसरों को पूर्व मुख्यमंत्री आवश्यक सेवा निवृत्ति देने का एलान कई बार कर चुके है, अब तो हाईकोर्ट ने भी उस अफसर के पूरे फर्जीवाड़े में शामिल होने की बात अपने आदेश में लिख दी है, उस अफसर का ये एक ही कारनामा नही है, देशद्रोही दाऊद इब्राहित के खास तस्कर साथी से फरारी में मिलने की जांच भी चल रही है, 28 सीटो पर उप चुनाव के दौरान भोपाल से सांची शराब तस्करी करवाने पर भी आबकारी कमिश्नर ने नोटिस जारी किया, आबकारी कमिश्नर के द्वारा लिखित में चेताने के बाद भी तीन साल तक मासिक तौजी सत्यापन नही किया, इसके अलावा कई विवाद इनके साथ जुड़े है, एसे नाकाबिल फिर भी भ्रष्ट अफसरों के चहेते अफसर का नाम है —संजीव कुमार दुबे।
हाईकोर्ट की बेवसाईट से आदेश डाउनलोड कर सकते है या हमसे भी ले सकते है,आपको आश्चर्य होगा इतना दागी अफसर किसी भी राजनीतिक दल का चहेता नही हो सकता है ।