फिर लौटा सेनेटाइजर-मॉस्क का दौर!चीन है कि मानता नहीं…

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चीन से ही क्यों निकलते हैं वायरस, निशाने पर बच्चे

हर खतरनाक वायरस आखिर चीन से ही क्यो निकलता है ? वर्ष 2019 पूरी दुनिया को हिला देने वाले कोरोना वायरस की उत्पति भी चीन के वुहान शहर से हुई थी, जिसने दुनिया में लाखों लोगों को मौत की नींद सुला दिया, जबकि करोड़ों लोग इसका शिकार बने। अब HMPV वायरस आया है, जिसका जन्मदाता भी चीन है।चीन में फैले इस वायरस ने बच्चों को निशाने पर लिया है और अब इसने हिंदुस्तान में भी दस्तक दे दी है। बेंगलुरु में मानव मेटान्यूमोवायरस ( HMPV ) के दो मामले सामने आए हैं। केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय ने बताया कि भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद की नियमित जांच से कर्नाटक में HMPV के दो मामलों का पता चला हैं। दोनों मामलों की पहचान देश भर में श्वसन संबंधी बीमारियों की निगरानी के लिए lCMR के चल रहे प्रयासों के अंतर्गत सामने आई है । HMPV वायरस कोई नया नहीं है। इसे 2001 में ही खोज लिया गया था, जिसने अमरीका सहित दुनिया के कई देशों को जकड़ा था। केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय का कहना है कि यह वायरस पहले से ही भारत सहित दुनिया भर में मौजूद है और इससे जुड़ी श्वसन संबंधी बीमारियों के मामले कई देशों में मिले हैं। इसके अलावा ICMR और एकीकृत रोग निगरानी कार्यक्रम ( IDSP ) नेटवर्क के मौजूदा आंकड़ों के आधार पर देश में इन्फ्लूएंजा जैसी बीमारी ( ILI ) या गंभीर तीव्र श्वसन बीमारी ( SARI ) के मामलों में कोई असामान्य वृद्धि नहीं हुई है।
मंत्रालय ने कहा है कि तीन महीने की एक बच्ची को ब्रोन्कोन्यूमोनिया रोग के साथ बेंगलुरु के बैप्टिस्ट अस्पताल भर्ती कराया गया था। इसकी जांच में HMPV का पता चला। नियमित उपचार के बाद उसे अब छुट्टी दे दी गई है। इसके अलावा आठ महीने का एक बच्चा भी ब्रोन्कोन्यूमोनिया की शिकायत के बाद इसी अस्पताल में भर्ती कराया गया। इसे भी HMPV से पीडित पाया गया। यह शिशु अब ठीक हो रहा है। दोनों पीडि़तों ने या इनके संपर्क में किसी ने भी विदेश यात्रा नहीं की है।
भारत की क्या है तैयारी-
मंत्रालय ने कहा है कि सभी उपलब्ध निगरानी चैनलों के माध्यम से स्थिति की निगरानी की जा रही है। ICMR पूरे वर्ष HMPV परिसंचरण की निगरानी जारी रखेगा। विश्व स्वास्थ्य संगठन ( WHO ) भी पहले से ही चीन में स्थिति के बारे में समय-समय पर जानकारी दे रहा है, ताकि चल रहे उपायों के बारे में और जानकारी दी जा सके। भारत श्वसन संबंधी बीमारियों में किसी भी संभावित वृद्धि को संभालने के लिए अच्छी तरह से सुसज्जित है और यदि आवश्यक हो तो सार्वजनिक स्वास्थ्य सेवा तैनात की जा सकती है▪️

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